बनारस न्यूज डेस्क: हाल ही में नाना पाटेकर की फिल्म ‘वनवास’ में जैसा दृश्य देखने को मिला था, वैसी ही हकीकत वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर सामने आई। एक बेटी अपनी वृद्ध मां को काशी दर्शन के बहाने घाट पर छोड़कर चुपचाप लौट गई। बुज़ुर्ग महिला लावारिस हाल में मिली तो स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ तो बेटी और दामाद बदनामी के डर से फिर वाराणसी लौटे और माफी मांगते हुए मां को दोबारा अपने साथ ले गए।
कानपुर की रहने वाली इंदिरा देवी का कहना है कि वह अपनी बेटी रंजीता और दामाद आदर्श के साथ रहती थीं। पति की मौत के बाद वह बेटी के ही सहारे थीं। उन्होंने वीडियो में बताया कि उन्हें बिना बताए वाराणसी लाया गया और घाट पर छोड़ दिया गया। बेटी रंजीता ने माना कि मां का व्यवहार पिछले कुछ समय से बदल गया था, वे रात में चिल्लाती थीं जिससे पूरा घर तनाव में था। इसी वजह से अचानक वाराणसी लाकर उन्हें घाट पर छोड़ दिया गया, लेकिन अब इस गलती का उन्हें गहरा पछतावा है।
दामाद आदर्श ने भी सफाई दी कि उनकी सास अक्सर कहा करती थीं कि वे वाराणसी में मोक्ष पाना चाहती हैं, इसलिए उन्हें लगा कि वह खुद भी इस निर्णय से सहमत थीं। लेकिन हालात बिगड़ते देख उन्होंने भी अपनी गलती मानी। अब रंजीता अपनी मां को वापस अपने साथ ले गई हैं और कहती हैं कि यह जीवन की सबसे बड़ी भूल थी, जिसका पछतावा ताउम्र रहेगा।